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जब दुश्मन मिले गले तो ‘सबका साथ सबका विकास’

सुप्रभात
सुप्रभात
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mageमोदी का यह नारा देश के राजनीतिज्ञों की बुद्दि पलटने में अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है इसका एक फायदा यह होगा की अभी तक ये लोग अपने को जनता से ऊपर समझ कर राजनीती करते थे पर अब ये लोग अपने से ऊपर जनता को समझेंगे. राजनीती को अपने घर की खेती समझने वाले नेताओं का घर इस लोकसभा चुनाव की बरसात में बह चुका है. डायरेक्ट हो या इनडायरेक्ट दोनों ही दशाओं में यह नमो मन्त्र अपना असर दिखा रहा है………….नमो नमः

आज जनता विकास चाहती है , एक नया युग चाहती है, अपने आस-पास एक नया परिवर्तन चाहती है, जो इन नेताओं को अभी भी नहीं दिख रहा है. लालू और नीतीश 20 साल पहले कुम्भ के मेले में बिछड़ने के बाद आज हाजीपुर की एक विधानसभा क्षेत्र के एक मंच पर दोनों ने एक दुसरे को पहचान लिया और लालू ने नीतीश को अपना छोटा भाई बताते हुए अपनी ओर खींचा और गले लगा लिया……..नमो नमो नमो.

गले मिलने के बाद जनता के बीच इन नेताओं के शब्द कुछ इसप्रकार थे – इस समय पूरे देश का भगवाकरण करने की कोशिश की जा रही है. समाज को धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है. हम सभी मिलकर बीजेपी के इरादों को असफल करेंगे. ये दोनों न केवल साथ मंच साझा किया, बल्कि एक-दूसरे को गले लगाकर गिले-शिकवे भी भुला दिए……….नमो नमो नमः

बीजेपी को धूल चटाने और अपने को चमकाने के लिए इन दोनों नेताओं से इस सभा में जैसी उम्‍मीद की जा रही थी, वैसी भीड़ नहीं जुटा पाए. इन दिग्‍गजों को सुनने के लिए तकरीबन 2500 लोग ही जमा हुए. कुल मिलाकर इन दोनों ने अपने लिए फ्लॉप शो आयोजित कर डाला…………नमो नमो नमो.

20 साल पहले नीतीश ने ही लालू को मंत्री बनाया था. आखिर नमो नमो का एक असर ऐसा भी – लालू ने यहाँ तक की माया, मुलायम को भी दोस्‍त बनने की सलाह दे डाली इससे पता चलता है की देश के नेताओ में नमो की दहसत किस कदर तक है…………नमो नमः

इस दोस्ती का एक राज दूसरा भी है. दरअसल दिल्ली स्थित इनका सरकारी बंगला इनके हाथ से जाने वाला था. उसे बचाने के लिए ये दोनों एक दूसरे को बिहार सरकार में समर्थन देकर राज्यसभा के कोटे से राजाबाबू (सांसद) बन गए…………..नमो नमः

नीतीश कुमार ने वर्ष 1994 में लालू प्रसाद से नाता तो़डकर समता पार्टी बना ली थी. इसके बाद समता पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) में समाहित हो गई थी. इस दौरान नीतीश ने लालू के कथित \’जंगल राज\’ के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन कर बिहार की सत्ता संभाली. पिछले वर्ष भाजपा की ओर से नरेन्द्र मोदी को लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद जद (यू) ने भाजपा से नाता तो़ड लिया……….नमो नमः

लोकसभा में हालांकि भाजपा को अभूतपूर्व सफलता मिली. बिहार की राजनीति के दो धुरंधर माने जाने वाले और करीब 20 वर्षों तक एक-दूसरे के धुर विरोधी रहे है लेकिन बिहार की 10 विधानसभा सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव के लिए अब फिर दोनों दोस्त बने. यह इन दोनों का डबलरोल है, बिहार के मित्रों अपने को राजनीती के छल से बचने के लिए सोच समझ कर वोट करना……..नमो नमः

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